🌾एक ऐसी पूजा जिसमें कोई पंडित पुजारी नहीं होता,
जिसमें देवता प्रत्यक्ष हैं।
जिसमें डूबते सूर्य को भी पूजते हैं।
जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे है।
जिसमें सिर्फ लोकगीत गाते हैं.
जिसमें पकवान (ठेकुवा) घर में बनते हैं।
जिसमें घाट पर कोई उच्च-निम्न नहीं है!
जिसमें प्रसाद अमीर-गरीब सब श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।🌾
🌾 “दुनिया कहती है कि जिसका उदय हुआ है उसका अस्त होना निश्चित है,लेकिन यह महापर्व यह सिखाता है कि जो डूबता है, उसका उदय भी निश्चित है”🌾
ऐसे सामाजिक सौहार्द, सद्भाव,शान्ति,समृद्धि और सादगी से तिरोहित सूर्य देव की आस्था के महापर्व छठ पूजा 🙏🏻की आपको हार्दिक शुभकामनाएं💐🚩
@पाराशर फ्रॉम न्यूज़केस्ट
