तिरुवरप्पु कृष्ण मंदिर : जो कभी बंद नहीं होता
केरल के कोट्टायम जिले में स्थित तिरुवरप्पु कृष्ण मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर माना जाता है। डेढ़ हज़ार साल पुराना यह मंदिर रोज़ाना 23 घंटे 58 मिनट खुला रहता है और केवल 2 मिनट (सुबह 11:58 से 12:00 बजे तक) बंद होता है। मान्यता है कि इस मंदिर में प्रतिष्ठित भगवान श्रीकृष्ण सदैव भूखे रहते हैं, इसलिए मंदिर कभी बंद नहीं किया जाता।

तिरुवरप्पु कृष्ण मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं है, बल्कि यह आस्था और करुणा की जीवंत मिसाल है। यहां भगवान स्वयं अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं ताकि कोई भूखा न रहे। यही कारण है कि इस मंदिर को लोग “हमेशा जागता हुआ मंदिर” कहते हैं।
मान्यताएँ और विशेषताएँ
- जब पुजारी को मंदिर खोलने की चाबी दी जाती है, तब उसके साथ एक कुल्हाड़ी भी दी जाती है। यदि चाबी खोलने में 2 मिनट से ज्यादा की देर हो जाए, तो दरवाज़ा तुरंत कुल्हाड़ी से तोड़ा जा सकता है ताकि भगवान कृष्ण भूखे न रहें।
- यहां दिन में 10 बार नैवेद्यम (भोजन अर्पण) किया जाता है।
- ग्रहण के दौरान भी यह मंदिर कभी बंद नहीं होता। कहा जाता है कि एक बार ग्रहण पर मंदिर बंद कर दिया गया था तो भगवान की कमर की पट्टी ढीली हो गई थी। तब श्री आदि शंकराचार्य ने बताया कि यह भगवान के भूखे रहने का संकेत है। तभी से यह परंपरा बदल दी गई।
अनोखी प्रथा
मंदिर को प्रतिदिन बंद करने से पहले ठीक 11:57 बजे पुजारी जोर से पुकारते हैं – “क्या कोई यहाँ है?” ताकि कोई भी भक्त बिना प्रसाद ग्रहण किए बाहर न निकल जाए। मान्यता है कि जो भी भगवान का प्रसादम यहां ग्रहण करता है, वह जीवन में कभी भूखा नहीं रहता और उसे भोजन की कभी कमी नहीं होती।
भक्ति का अद्वितीय प्रतीक
तिरुवरप्पु कृष्ण मंदिर केवल पूजा का स्थान नहीं है, बल्कि यह आस्था और करुणा की जीवंत मिसाल है। यहां भगवान स्वयं अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं ताकि कोई भूखा न रहे। यही कारण है कि इस मंदिर को लोग “हमेशा जागता हुआ मंदिर” कहते हैं।
@पराशर
Discover more from Newz Quest
Subscribe to get the latest posts sent to your email.

